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कपिल परमार ने रचा इतिहास: भारत के पहले पैरालंपिक जूडो पदक विजेता ने पेरिस में लहराया परचम

कपिल परमार

कपिल परमार ने रचा इतिहास: भारत के पहले पैरालंपिक जूडो पदक विजेता ने पेरिस में लहराया परचम

5 सितंबर को कपिल परमार ने जूडो में भारत के लिए पहला पैरालंपिक पदक जीतकर इतिहास रच दिया। शानदार प्रदर्शन में, परमार ने पुरुषों की 60 किग्रा (जे1) स्पर्धा के कांस्य पदक मैच में ब्राजील के एलील्टन डी ओलिवेरा को निर्णायक रूप से हराया, और 10-0 की शानदार जीत के साथ समापन किया।

टूर्नामेंट की मुख्य विशेषताएं

मंच तक परमार की यात्रा उनके अटूट दृढ़ संकल्प का प्रमाण थी। सेमीफाइनल में असफलता के बावजूद, जहां वह ईरान के एस बनिताबा खोर्रम अबादी से 0-10 से हार गए, परमार का उत्साह बरकरार रहा। यह कांस्य पदक मैच में स्पष्ट था, जहां वह शुरू से अंत तक अपने प्रतिद्वंद्वी पर हावी रहे, अपने लचीलेपन का प्रदर्शन किया और हम सभी को प्रेरित किया।

परमार का कौशल क्वार्टर फाइनल में पूरे प्रदर्शन पर था, जहां उन्होंने वेनेजुएला के मार्को डेनिस ब्लैंको को 10-0 की शानदार जीत के साथ हराया। इस प्रभावशाली प्रदर्शन ने न केवल पोडियम पर उनकी जगह पक्की की, बल्कि दर्शकों को उनकी जूडो प्रतिभा से भी आश्चर्यचकित कर दिया।

पृष्ठभूमि और व्यक्तिगत संघर्ष

कपिल परमार की यात्रा सिर्फ उनकी अपनी नहीं है, बल्कि उनके परिवार के अटूट समर्थन का प्रमाण है। भारत के मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर शिवोर के रहने वाले परमार पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनके पिता, एक टैक्सी ड्राइवर, और उनकी बहन, जो एक प्राथमिक विद्यालय चलाती हैं, ताकत के स्तंभ रहे हैं। उनका मंझला भाई, जो स्वयं एक जूडो व्यवसायी है, एक निरंतर प्रशिक्षण भागीदार और समर्थन का स्रोत रहा है, जो उनके परिवार के मजबूत बंधन और गर्मजोशी को उजागर करता है।

कपिल का सफर विपरीत परिस्थितियों से भरा रहा है। एक बच्चे के रूप में, उन्हें पानी पंप दुर्घटना से गंभीर बिजली का झटका लगा, जिसके कारण वह छह महीने तक कोमा में रहे। जीवन बदलने वाले इस अनुभव के बावजूद, जूडो के प्रति उनका जुनून मजबूत बना रहा। ठीक होने के बाद, उन्हें उनके गुरु और कोच, भगवान दास और मनोज सर ने नेत्रहीन जूडो को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।

कैरियर के मील के पत्थर

जूडो के प्रति कपिल के समर्पण के कारण कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल हुईं। उन्होंने 2022 एशियाई पैरा खेलों में रजत पदक जीता और 2019 राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप और 2023 आईबीएसए जूडो ग्रांड प्रिक्स में स्वर्ण पदक हासिल किया। उन्होंने 2023 विश्व खेलों में भी कांस्य पदक जीता और 2024 में पेरिस में कांस्य पदक जीतकर उल्लेखनीय रूप से पैरालिंपिक में वापसी की।

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वर्तमान प्रशिक्षण

कपिल परमार लखनऊ में भारतीय पैरा जूडो अकादमी में कोच मुनव्वर अंजार अली सिद्दीकी के तहत प्रशिक्षण लेते हैं। जैसे-जैसे वह अपने उल्लेखनीय करियर को आगे बढ़ा रहा है, उसकी कड़ी मेहनत और दृढ़ता चमकती जा रही है।

कपिल परमार की कहानी उनके लचीलेपन और समर्पण का प्रमाण है, और 2024 पैरालिंपिक में उनकी ऐतिहासिक जीत भारतीय जूडो के लिए एक नया अध्याय है।

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